



कैसी हो 2030 तक विकसित राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाएं, इसके लिए हितधारकों से 25 अगस्त से होगा परामर्श जिला, संभाग एवं राज्य स्तर पर हाेगें 61 परामर्श, अतिरिक्त मुख्य सचिव ने ली समीक्षा बैठक

हितधारकों से चर्चा की जाएगी कि वे 2030 तक विकसित राजस्थान की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को किस रूप में देखना चाहते हैं। इसके लिए उनके सुझाव प्राप्त किए जाएंगे, जिन्हें संकलित करके, 6 सितम्बर को निदेशालय जयपुर में राज्य स्तरीय चर्चा आयोजित की जाएगी। इस बैठक के बाद महत्वपूर्ण सुझावों के साथ एक कार्य योजना बनाकर एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा।
जिला एवं संभाग स्तर पर होने वाली इन चर्चाओं में स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, चिकित्सकों, मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों, सेवानिवृत अधिकारियों एवं कार्मिकों, प्रबुद्धजनों एवं बुद्धिजीवियों से सुझाव लिए जायेंगे। इसके लिए सभी जिलों एवं संभाग स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गयी है। गुरूवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती शुभ्रा सिंह ने विजन 2030 के तहत आयोजित हितधारकों के साथ चर्चा की तैयारियों के लिए राज्य स्तरीय, संभाग एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक ली।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी चर्चाएं सकारात्मक माहौल में हो ताकि ज्यादा से ज्यादा बेहतरीन प्रगतिशील सुझाव प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय स्तर की कोई चीज प्रासंगिक है तो उसे भी जिला स्तर और संभाग स्तर से आने वाले प्रस्ताव में शामिल करके भेजा जाए। उन्होंने बताया कि जब चर्चाएं चल रही होंगी तो राज्य स्तरीय अधिकारी भी उनमें शामिल होंगे तथा उन चर्चाओं से जुड़ेंगे।
मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि जिला स्तर पर तकनीकी सहयोग के लिए डब्ल्यूएचओ एवं यूनिसेफ की तरफ से एक-एक रिसोर्स पर्सन उपलब्ध करवा दिया गया है। इस दौरान बजट घोषणाओं की प्रगति एवं नवघोषित जिलों में व्यवस्था संचालन की भी समीक्षा की गयी।