



राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने शिक्षा मंत्री को शिक्षकों की तात्कालिक समस्याओं से कराया अवगत
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश महामंत्री श्री रामदयाल मीणा द्वारा माननीय शिक्षा मंत्री महोदय को शिक्षकों की समस्याओं के संबंध में पत्र लिखा है और उनके तुरंत समाधान की मांग की । पत्र में बताया गया कि हाल ही राज्य सरकार द्वारा बड़े स्तर पर उच्च प्राथमिक विद्यालयों को सीधे ही उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया है जिसके कारण प्रारंभिक शिक्षा का स्टाफ अधिशेष हो गया है। पूर्व में शिक्षकों की वेतन व्यवस्था पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से की जा रही थी लेकिन विद्यालयों के उच्च माध्यमिक होने से आईएफएमएस से शिक्षकों के वेतन के पद हटा लिए गए और शिक्षक विगत कई माह से वेतन को लेकर परेशान हैं। कुछ शिक्षकों द्वारा अपने स्तर पर इधर उधर से पदों की जानकारी लेकर वेतन व्यवस्था के आदेश जारी करवाए हैं। लेकिन अभी भी काफी संख्या में शिक्षक वेतन को तरस रहे हैं । सरकार के द्वारा अभी तक प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा के पदों पर समायोजित नहीं किया गया है। यदि अधिशेष शिक्षकों को शीघ्र समायोजित और पदस्थापित नहीं किया गया तो आगामी समय में शिक्षक वेतन के लिए बहुत परेशान रहेंगे । क्योंकि कुछ दिनों बाद सरकार के द्वारा नवीन भर्ती के शिक्षकों के पदस्थापन की काउंसलिंग कराई जा रही है जिससे प्रारंभिक शिक्षा के विद्यालयों में शिक्षकों के पद भर जाएंगे और इन अधिशेष शिक्षकों को दूर दराज के विद्यालयों में पदस्थापित किया जाएगा । साथ ही संगठन ने विगत 3 वर्षों से विभिन्न स्तरों की बकाया पदोन्नतियां 30 सितंबर तक पूरी करने की मांग की है । महात्मा गांधी विद्यालयों में बाल वाटिका में लगे एनटीटी शिक्षकों को सरकार के द्वारा ब्रिज कोर्स तो करा दिया और उसका परिणाम भी जारी कर दिया लेकिन आज दो माह बीतने के बावजूद भी इनके पदस्थापन की प्रक्रिया पूरी नहीं की । जिससे यह एनटीटी शिक्षक पिछले 3 महीना से वेतन को तरस रहे हैं । इसके अलावा महात्मा गांधी विद्यालयों में आईएफएमएस पर पदों की स्वीकृति जारी नहीं की है जिससे साक्षात्कार द्वारा पदस्थापित शिक्षकों के वेतन व्यवस्था अन्य विद्यालयों से हो रही है। जो नवीन शिक्षकों के पदस्थापन के बाद प्रभावित होगी।
अतः संगठन शिक्षा मंत्री से मांग करता है कि शिक्षकों की इन तात्कालिक समस्याओं का शीघ्र ही समाधान करें अन्यथा शिक्षक आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
