



शिक्षा विभाग विधान सभा चुनावों की आचार संहिता लगने से पूर्व ही शिक्षकों के पदस्थापन की जल्दी में नए सृजित जिलों की मेपिंग किए बिना ही पदस्थापन देने की तैयारी में जुट गया है।
यहां तक कि बिना मेपिंग के ही शिक्षकों से जिलों के विकल्प भी मांग लिए गए हैं। अब समस्या यह है कि नए बने जिलों को शिक्षक विकल्प में देना चाहते है, लेकिन पोर्टल पर वह स्कूल पुराने जिले में ही प्रदर्शित हो रहा है। ऐसे में शिक्षकों को डर है कि कहीं वे विकल्प देने से जिला बदर नहीं हो जाएं। पहले वो स्कूल जिस जिले में भी वो अब नए बने जिले में आ चुकी है।
कई विधायकों ने भी शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर विकल्प लेने से पहले पोर्टल पर जिलों की मेपिंग करने की सिफारिश की है।उल्लेखनीय है कि पहले राज्य में 33 जिले के हिसाब से शिक्षा विभाग का सेटअप बना हुआ है।
नए बने 17 में प्रशासनिक व्यवस्था के साथ अन्य कार्य शुरू हो चुके है। परन्तु अभी भी शिक्षा विभाग के पोर्टल पर 33 जिले ही प्रदर्शित हो रहे है।
राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम ) शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री रामदयाल मीना ने भी शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर पहले जिलों की मेपिंग कराने के बाद ही विकल्प लेने की मांग की है।